How to guide Young children 

लड़की के बैग  से कंडोम  और सेक्स टॉयज मिलना वह भी सिर्फ 17 साल की उम्र में, यह दर्शाता है कि आज हम जिस टेक्नोलॉजी के युग में जी रहे हैं उस युग में कोई भी अपनी उम्र से पहले जवान होता जा रहा है|
Parrenting tips in teen ager

आजकल के लड़कों में पॉर्न देखने की लत लग गई है, वह 12-13 उम्र से ही पॉर्न देखना शुरू कर देते हैं, और पॉर्न देखने के बाद मास्टरबेट(हस्तमैथुन) करते हैं जो अपने शरीर को तो  गला ही रहे साथ ही साथ अपने भविष्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं, क्योंकि जो लड़का या लड़की अगर पॉर्न देखने के बाद हस्तमैथुन करता है तो उसका मन पढ़ाई में नहीं लगेगा, क्योंकि शुरुआत में जो यह उम्र होती है उस उम्र में बहुत ज्यादा जोश होता है और उस जोश में लोग यह सोचते हैं की चलो आज (हस्तमैथुन ) कर लेते हैं कल नहीं करेंगे लेकिन अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते और अपना लैपटॉप या मोबाइल खोलते ही फिर से शुरू हो जाते हैं क्योंकि उनके सामने बहुत सारे गूगल बाबा की तरफ से चित्र अपने आप उभर कर आने लगते हैं जिसकी वजह से वह इस बात पर कंट्रोल नहीं कर पाते कि अब क्या करना है आगे तो फिर से वह कोई कोना ढूंढते हैं और पॉर् देखने के बाद शुरू हो जाते हैं मास्टरबेट करना |

पॉर्न देखने की लत से छुटकारा

आप अपने बच्चों को पॉर्न देखने की लत से छुटकारा दिलवाने की सोच रहे हैं तो आप किन किन साइटों को बंद करेंगे किन-किन एप पाबंदी लगाएंगे, क्या आप व्हाट्सएप पर पाबंदी लगाएंगे, क्या आप गूगल खोलने पर पाबंदी लगाएंगे यह लगभग एक असंभव है, जहां इस टेक्नोलॉजी ने हम लोगों का काम आसान किया  है तो वहीं इसने बहुत सारे दुष्परिणाम भी हमारे सामने लाकर रख दिए हैं, तो इसकी लत से छुटकारा दिलाने का सिर्फ एक रास्ता है वह है बच्चों को वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक तरीके से उनको समझाना और उनके पास बैठना उनसे उनकी बातों को साझा करना अच्छे और बुरे परिणामों के बारे में बात करना यही एक इसका हल हो सकता है नहीं तो कोई भी डॉक्टर या मनोचिकित्सक इसको नहीं ठीक कर सकता है वह भी यही बताएगा इसी रास्ते को अपनाने के लिए
हस्त मैथुन (Masturbation) से आती है नपुंसकता ?
अब बात करते हैं, लड़की के बैग  से कंडोम और अजीबोगरीब खिलौने निकलना, तो देखिए बच्ची की जो उम्र है वह करीब 17 साल 18 साल इस उम्र में बच्चों के अंदर बहुत ही ज्यादा जोश, उतावलापन, जुनून वह सारी चीजें जो एक एनर्जी लेवल की होती है होती है, जिसको कहते हैं जवानी में खून गर्म होता है यानी इसका मतलब यह होता है कि आप इस उम्र में जो चाहे वह कर सकते लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप गलत तरीके को अपनाएं और कोई गलत रास्ता अपनाकर  आप अच्छे रास्ते अपनाकर अच्छा काम करके अपने भविष्य को बहुत ही सुनहरा बना सकते| तो अगर आप यहां पर अपना मानसिक संतुलन खोकर बच्ची को डांटना शुरू कर देंगे तो यह बात पूरी तरीके से बिगड़ जाएगी,क्योंकि जो मैंने अभी ऊपर बताया कि उनके अंदर बहुत ज्यादा जोश  होता है इस उम्र के अंदर हो सकता है वह घर छोड़ कर के चले जाए क्योंकि इस उम्र में घर छोड़कर के जाने के बहुत सारे विचार दिमाग में आते हैं| वह यह सोचते हैं कि हम बहुत कुछ कर लेंगे| तो आपको बच्चे के साथ बैठकर उनके मन के बारे में जानना होगा आप को उसके दोस्तों के बारे में बात करनी होगी आप को उसके पढ़ाई लिखाई और उसके शौक के बारे में बात करनी होगी फिर आपको उसके साथ एक दोस्ताना रवैया अपना कर उसकी आपको काउंसलिंग करनी होगी, तब अगर यह सारे नियम आप अपनाते हैं तो इससे बहुत ही सकारात्मक रिजल्ट आपको मिलेगा, नहीं तो इसके उलट आपको नकारात्मक रिजल्ट मिल सकता है अगर आप उसको डांटना या झगड़ना शुरू कर देते हैं| देखिए इन सब का कारण आज कल का हमारा दिनचर्या जो टेक्नोलॉजी और गूगल बाबा पर निर्भर हो गई है उसके ही कुछ नकारात्मक परिणाम है, तो उसको तो बंद नहीं किया जा सकता है लेकिन कंट्रोल आप जरूर कर सकते हैं, अगर यह स्थितियां आपके सामने रही है. क्योंकि यह हर दिन बढ़ता ही जा रही है तो आज के युग में मां-बाप को अपने बच्चो से  दोस्ताना रवैया अपनाना होगा नाकी उन पर गुस्सा करना धन्यवाद|