Gujnan saxena ki movie ka review and rating in Hindi
Release: 12 August 2020
Director: Sharan Sharma
Screenplay: Nikhil Malhotra, Sharran Kumar
Producers: Karan Johar, Hiroo Johar, Apoorva Mehta
Production companies: Dharma Productions,
मूवी का रिव्यू ( Movie Review)
इस समाज में लड़का और लड़की को लेकर के बहुत सारे रूढ़िवादी विचार किसी भी पहाड़ में सदियों की तरह चले आ रहे हैं ऐसे कई फिल्में उसके प्रसारित भी चुकी है लेकिन यह फिल्म थोड़ा सा देश भाव को उत्क्रोष करके
बनाई गई है और इससे पहले इसे मान्यता है कि पुरुष जो है इंसान है वहीं सर्वश्रेष्ठ है जब उन क्षेत्र में महिलाएं आगे निकलती है तो उनको दबाने की कोशिश की जाती है उनके पंख काटने की कोशिश की जाती है और उनके
आत्मविश्वास को नीचा दिखाया जाता है यह महिलाओं के लिए आसान बात नहीं है अक्सर हम लोग सोचते हैं और इनसे अभी तक उबर नहीं पाए चाहे कितनी भी क्यों ना हो अगर वह किसी को पसंद करती है महिला तो उसके
बारे में पूछा जाता है आप किसको पसंद करती हो तो कुल मिलाकर के कहानी लखनऊ की रहने वाली 1990 के दौरान में इस प्रथा को तोड़ने की कोशिश की और उन्होंने थोड़ा भी और वह भारतीय वायुसेना में पायलट बनी
इसलिए उन्होंने तय किया कि
यह और उन्होंने पायलट
का रास्ता बनाया गया था और
कारगिल युद्ध के दौरान प्रसिद्ध हेलीकॉप्टर एक चीता नाम का हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना में था और इस हेलीकॉप्टर का प्रयोग सेना में खाद्य सामग्री पहुंचाने का था, दवाइयां मेडिकल उपकरण इत्यादि पहुंचाने का काम
हेलीकॉप्टर
चीता ने किया था
और उस समय यह
बहुत ही प्रसिद्ध भी
हुआ था क्योंकि इसने
अपने सारे काम बहुत ही कुशलता पूर्वक
निभाए थे इस हेलीकॉप्टर
में
इस
फिल्म में जानवी कपूर ने चीता हेलीकॉप्टर
को उड़ाया है और बिलकुल उसी तरह का कलाकार निभाने
की कोशिश की है जो
जानवी कपूर ने 1999 में कारगिल युद्ध के गुंजन सक्सेना ने अपने ड्यूटी के दौरान की
थी
पंकज त्रिपाठी ने गुंजन के पिता का किरदार बहुत ही अच्छे से निभाया है वह एक आर्मी फैमिली से ताल्लुक रखने वाली गुंजन की कहानी इसलिए भी आपको इससे जोड़ कर रखती है क्योंकि इसमें लैंगिक भेदभाव को नहीं
दिखाया
गया है उन्होंने अपने
घर में कभी लैंगिक भेदभाव का सामना नहीं
किया था सेना के
रिटायर पिता ने गुंजन को
बेटे के बराबर ही
सम्मान दिया
शरण शर्मा जो कि इस फिल्म के डायरेक्टर हैं उन्होंने यह फिल्म पहली बार डायरेक्ट की है और उनका काम पूरी ईमानदारी के साथ नजर भी आता है क्योंकि जो लैंगिक विषमता है इस पर बहुत सारी फिल्में जो पहले से भी बन
चुकी है लेकिन उन्होंने लैंगिक विषमता को शोषण की तरह नहीं दिखाया है बल्कि एकता का सम्मान किया है जो कि देश भक्ति के रूप में झलकता है फिल्म में विनीत सिंह बेदी और विनीत फिल्में एक बड़े कलाकार के रूप में है जानवी पूरे केंद्र में है
कुल
मिलाकर के यह 2 घंटे
की फिल्म है और इसमें
वही की विषमता को
शोषण के रूप में
ना दिखाया है बल्कि एक
सम्मान के रूप में
है बाकी यह आपके ऊपर
है कि आप इस
फिल्म को कितने स्टार
देते हैं आप यह खुद
देखने के बाद तय
करेंगे
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